Friday, September 28, 2012

उद्देश्‍य: एक लाख युवकों को प्रशिक्षण और रोजगार

हिमायत के अंतर्गत रोजगार के लिए जम्‍मू कश्‍मीर के युवक प्रगति पर
केन्‍द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और जम्‍मू कश्‍मीर सरकार ने जम्‍मू कश्‍मीर में 2011 में संयुक्‍त रूप से हिमायत परियोजना शुरू की थी जिसका उद्देश्‍य अगले पांच वर्ष में राज्‍य के एक लाख युवकों को प्रशिक्षण और रोजगार देने के लिए रोजगार संबंधी कौशल विकास प्रदान करना है। अब तक 2431 युवकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है और इस समय 2800 प्रशिक्षु जम्‍मू कश्‍मीर के 19 जिलों में फैले 42 केन्‍द्रों में प्रशिक्षण ले रहे हैं। हिमायत के अंतर्गत राज्‍य के बाहर प्रशिक्षित और रोजगार प्राप्‍त युवकों से संवाद करने और उन्‍हें प्रोत्‍साहित करने के लिए चंडीगढ़ में मोहाली के एमबीए कान्‍फ्रेंस हॉल एनआईपीईआर में 30 सितम्‍बर 2012 को एक संवाद सत्र आयोजित किया गया है। ग्रामीण विकास मंत्री श्री जयराम रमेश ने प्रशिक्षित युवकों के साथ संवाद करने के लिए जम्‍मू कश्‍मीर के मुख्‍यमंत्री फारूख अब्‍दुल्‍ला को आमंत्रित किया है। 

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल कार्यक्रम के लिए पहले ही 235 करोड़ रूपये मंजूर कर चुका है। उन युवकों को इसमें प्राथमिकता दी जाती है जिन्‍होंने स्‍कूल और कॉलेज में बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी है। प्रत्‍येक ब्‍लॉक मुख्‍यालय में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। निजी क्षेत्र के संस्‍थानों जैसे आईएलऔरएफएस और डॉन बोस्‍को तकनीकी संस्‍थान को युवकों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए चुना गया है। एक बार जब प्रशिक्षित युवक अपना पाठ्यक्रम पूरा कर लेते हैं और उन्‍हें रोजगार मिल जाता है, मंत्रालय अगले तीन वर्ष तक उनकी प्रगति पर नजर रखता है और जरूरत पड़ने पर उन्‍हें और प्रशिक्षण प्रदान करता है। यह कार्यक्रम जम्‍मू कश्‍मीर के युवकों के लिए रोजगार सृजित करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की दूरदर्शिता का हिस्‍सा है। युवकों को देशभर में, जम्‍मू कश्‍मीर और बाहर रोजगार दिया जाता है। हांलाकि लड़कियां राज्‍य में ही काम करना चाहती हैं लेकिन अनेक पुरूष राज्‍य के बाहर भी काम करने के लिए तैयार रहते हैं। शिमला, जयपुर और चंडीगढ़ जैसे शहरों में नौकरियों के ऑफर मिलते हैं।(PIB) 27-सितम्बर-2012 14:23 IST

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Thursday, September 27, 2012

कश्‍मीर विश्‍वविद्यालय का 18वां दीक्षांत समारोह

समारोह में राष्‍ट्रपति ने दिया मूल्‍यों और चरित्र निर्माण पर 
राष्‍ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि मूल्‍यों और चरित्र निर्माण पर जोर देने वाले उच्‍च शिक्षण संस्‍थान छात्रों में जिम्‍मेदारी की और अधिक भावना पैदा करने तथा सभी मुद्दों पर तर्कसंगत रवैया विकसित करने में प्रभावकारी भूमिका निभा सकते हैं। इस संदर्भ में शिक्षकों का कर्तव्‍य है कि वे अपने छात्रों को नैतिक और सौंदर्यपरक मूल्‍यों के साथ ज्ञान दें। 

राष्‍ट्रपति कश्‍मीर विश्‍वविद्यालय के 18वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्‍होंने कहा कि इस विश्‍वविद्यालय की बौद्धिक और साहित्यिक गतिविधि की गौरवशाली परम्‍परा रही है और इसने अपनी शुरूआत के बाद लंबा सफर तय किया है। राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत और दुनियाभर में पढ़ाई का माहौल पहले की तुलना में आज कहीं ज्‍यादा रोमांचक है। सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति ने असीमित अवसर प्रदान किये हैं। इसने हमारे छात्रों को अधिक आधुनिक, प्रगतिशील और प्रासंगिक शिक्षा प्रदान की है। 

सरकार ने अपनी 12वीं पंचवर्षीय योजना में इसे पूरा करने के लिए सुपरिभाषित रणनीति तैयार की है। इसमें क्षेत्रीय समानता के साथ बुनियादी सुविधाओं का विस्‍तार, कार्य निष्‍पादन पर विशेष ध्‍यान, बेहतर मानव संसाधन प्रबंध, पाठ्यक्रम में सुधार, गुणवत्‍ता अनुसंधान को बढ़ावा देना शामिल है। इसके साथ ही ऐसा माहौल तैयार करना है जिसमें प्रतिभाएं आकर्षित हों। सरकार ने हाल ही में दो केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालयों की स्‍थापना की है। 

राष्‍ट्रपति श्री मुखर्जी ने कहा कि नई प्रौद्योगिकी को अपनाने की जरूरत है जिसकी अध्‍यापन, अध्‍ययन और पेशेवर विकास में उपयोगिता हो। इससे हमारे अध्‍यापन और अनुसंधान की गुणवत्‍ता में सुधार होगा। विश्‍वविद्यालयों को सृजनात्‍मकता और नये परिवर्तनों को बढ़ावा देना चाहिए। यह भी आवश्‍यक है कि भारत और विदेश में उच्‍च शिक्षा के प्रमुख संस्‍थानों के बीच सहयोग और संपर्क कायम हो ताकि विचारों और जानकारी का आदान-प्रदान किया जा सके। 

उन्‍होंने छात्रों और अनुसंधानकर्ताओं का आहवान किया कि वे कश्‍मीर की खूबसूरती को ध्‍यान में रखते हुए पारिस्थितिकी और पर्यावरण के संरक्षण को ध्‍यान में रखें। यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें कश्‍मीर विश्‍वविद्यालय जैसे संस्‍थान अपने और भावी पीढि़यों के फायदे के लिए महत्‍वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। छात्रों को जलवायु परिवर्तन और जमीन, ताजा पानी और समुद्री संसाधनों की कमी के प्रभावों की जानकारी होनी चाहिए। 

राष्‍ट्रपति श्री मुखर्जी ने विश्‍वास व्‍यक्‍त किया कि भारत के युवा एक ऐसे मजबूत और शक्तिशाली राष्‍ट्र का निर्माण करेंगे जो राजनैतिक दृष्टि से परिपक्‍व और आर्थिक दृष्टि से मजबूत होगा, जहां जनता न्‍याय, मौलिक अधिकारों और समानता के साथ गुणवत्‍तापूर्ण जीवन व्‍यतीत कर सकेगी।

उन्‍होंने कहा कि अनेक महत्‍वपूर्ण मुद्दों का दक्षता से और तेजी से समाधान करने की जरूरत है। केन्‍द्र सरकार और जम्‍मू कश्‍मीर सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि प्रत्‍येक कश्‍मीरी समान अधिकारों और समान अवसरों के साथ सम्‍मानपूर्ण जीवन बिताए। जम्‍मू कश्‍मीर भारत के नये भविष्‍य के निर्माण में अग्रणी हो सकता है और शांति, स्थिरता और समृद्धि क्षेत्र में बदलकर शेष भारत और दुनिया के सामने उदाहरण प्रस्‍तुत कर सकता है। 

राष्‍ट्रपति ने इस अवसर पर कश्‍मीर विश्‍वविद्यालय के विद्वानों और छात्रों को बधाई दी और कामना की कि वे कामयाबी की नई ऊंचाइयों को छुएं। (PIB) 
27-सितम्बर-2012 15:43 IST

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